ललितपुर। जिले में परिवहन निगम की रोडवेज बसों का संचालन पूरी तरह से ठप ही हो गया है। कुछ समय पहले तक यहां से 20 बसों का संचालन होता था, जो अब महज दो बसों तक सिमट गया है। हालात यह हैं कि ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है।
जिले में यातायात व्यवस्थाओं को सुदृढ़ बनाने के लिए तत्कालीन सपा सरकार ने रोडवेज की बीस लोहिया बसें चलाईं थीं। यह बसें ग्रामीण क्षेत्रों से जिला मुख्यालय होकर झांसी के लिए जातीं थीं। इन बसों में सामान्य से 25 प्रतिशत किराया कम होने से अधिक लोग यात्रा करते थे। इसके अलावा लोगों का आवागमन सुगम हो गया था।
लेकिन अधिकारियों की उदासीनता के चलते रोडवेज बसों का संचालन धीरे-धीरे कम हो गया। अब हालात यह हैं कि 20 बसों के सापेक्ष मात्र दो बसों का संचालन किया जा रहा है। कई मार्ग पर न तो रोडवेज बसें चल रहीं हैं और न ही निजी बसों का संचालन हो रहा है। ऐसे यात्रियों केे लिए सफर करना मुश्किल हो गया है।
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ग्रामीण क्षेत्रों में ठप है संचालन
झांसी से ललितपुर के लिए दो नॉनस्टॉप बसों का ही संचालन हो रहा है। जो झांसी ललितपुर के लिए संचालित हो रही हैं। ग्रामीण क्षेत्रों के सभी रूटों से रोडवेज बसों का संचालन बंद हो गया है। इससे ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को सुगम यातायात की सुविधा नहीं मिल पा रही है। लोग मजबूरन ही डग्गामार वाहनों का सहारा लेकर यात्रा कर रहे हैं।
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यह बसें हो चुकीं बंद
दो गुढ़ा-झांसी, दो देवगढ़, दो बालाबेहट, दो मदनपुर नॉनस्टाप, कैलगुवां-झांसी, ललितपुर-जखौरा होते हुए झांसी, दो प्रयागराज, दो नवागढ़, दो झांसी से बार, दो पाली-झांसी आदि बसों का संचालन बंद हो गया है।
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ललितपुर में सभी रोडवेज बसों के संचालन की तैयारी चल रही है। परिमिट की समस्या हल हो रही है। परिचालकों की भर्ती की स्वीकृति मिलने के बाद नियुक्ति होने बसों का संचालन बढ़ाया जाएगा।
– प्रियम श्रीवास्तव, सहायक प्रबंधक, झांसी डिपो