Saturday, July 27, 2024
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पुलिस अभिरक्षा में की गयी आत्महत्या का जिम्मेवार कौन ?

शक की सुई मृतक की पत्नि द्वारा  पुलिस प्रशासन की ओर करती है इशारा। लूट, फिरौती, हत्या, बलात्कार आदि जैसे जघन्य अपराधो को पुलिस प्रशासन अपनी अधूरी जॉच के आधार पर इन जघन्य अपराधो में लिप्त अपराधी छूट जाये, इस प्रकार की जॉच पुलिस द्वारा इतने बड़े जघन्य अपराधो में तत्परता न दिखाकर की जाती है, बाबजूद इसके मात्र शराब पीकर एक युवक जो कि किसी का नुकसान न करते हुये सिर्फ मय के मदहोश में इतना बड़ा अपराधी पुलिस प्रशासन की नजर में हो जाता है जिसका आई.पी.सी. व सी.आर.पी.सी. की तमाम बड़ी धाराओ में भी शायद जिक्र नहीं है। कानूनन कोई अपराध करने की सजा शायद पुलिस अभिरक्षा में आरोपी को अपनी जान देकर चुकानी पड़ी क्योकि किसी भी न्यायिक प्रक्रिया में शायद शराब पीकर हंगामा करना इतना बड़ा नहीं माना गया है जितना पुलिस अभिरक्षा में शराब पीने वाले व्यक्ति को अपने निर्दोष होने का सबूत अपनी स्वंय की हत्या कर जिसको आम भाषा में आत्महत्या कहते है, करके साबित करना पड़ा।

                मामला जनपद ललितपुर के थाना पाली में स्थित हवालात में दिनांक 28.08.2021 दिन शनिवार की सुबह लगभग 11:30 बजे युवक का शव फांसी के फंदे से लटका मिलने से जनपद ललितपुर में हड़कम्प मच गया। चूंकि शनिवार के दिन थाना पाली में जिले के उच्चाधिकारियों द्वारा समाधान दिवस का आयोजन किया गया था जिसके चलते आरोपी तेजराम सिंह लोधी उम्र 32 वर्ष पुत्र फूलसिंह निवासी ग्राम पटऊआ को डायल 112 पुलिस द्वारा शनिवार की सुबह करीब 08:30 बजे ग्राम पटऊवा से गिरफ्तार कर थाना पाली को सुपुर्द कर दिया गया लेकिन सूत्रों से निजी जानकारी के अनुसार समाधान दिवस के चलते थाने में मौजूद किसी भी पुलिस कर्मचारी व अधिकारियों ने इस पर विशेष ध्यान नहीं दिया लेकिन बाद में सूत्रो द्वारा प्राप्त जानकारी के अनुसार करीब 11:00 बजे दिन में थाना पाली में तैनात  एस.आई. ने उक्त आरोपी को पेड़ के नीचे खड़ा देखकर उसको थाने में स्थित लॉकअप में बिना किसी जॉच के ही उक्त आरोपी को बन्द कर दिया। चूंकि प्रावधान किसी भी आरोपी को जब तक उस पर प्रथम सूचना रिपोर्ट सम्बन्धित धाराओं में दर्ज नहीं की जाती है तब तक आरोपी को लॉकअप के अन्दर रखना न्याय विरूद्ध है। घटना की सूचना मिलते ही पुलिस अधीक्षक निखिल पाठक ने मौके पर पहुंचकर घटना स्थल का निरीक्षक किया एवं मृतक के परिजनों से मुलाकात कर घटना की विधिक रूप से जॉच कराने का आस्वाशन दिया।

                विगत 10 माह से भी कम समय में जब जनपद ललितपुर के कोतवाली स्थित एक चौकी जिसमें पुलिस प्रताड़ना से दो युवक जिन्होने अपने जीवन के अच्छे भविष्य को बनाने का संकल्प लिया ही था कि उक्त दोनों पुलिस प्रताड़ना से हार मान चुके थे। क्या इनके जीवन का सिर्फ एक ‘‘लाईन हाजिर‘‘ ही मात्र सजा है तथा भविष्य में ऐसे ही पुलिस प्रताड़ना से कितने लोग अपनी जीवन लीला समाप्त कर देगें।

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