ललितपुर। भोपाल से झांसी की ओर से जा रही पंजाब मेल के एसी कोच की गैलरी में एक मजदूर की हालत खराब होने से मौत हो गई। जानकारी मिलने पर जीआरपी से शव को रेलवे स्टेशन ललितपुर में उतार लिया और उसके पास मिले आधार कार्ड एवं मोबाइल नंबर के आधार पर परिजनों को सूचना दी। परिजनों के पहुंचने पर शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।
गोरखपुर के थाना कैंपियर गंज अंतर्गत ग्राम भौंराबारी निवासी चंद्रिका निषाद (55) पुत्र गोवर्धन दो जून को घर से पंजाब जाने के लिए निकला था। पंजाब के सरहिंद जंक्शन से छह जून को वापस गोरखपुर स्थित अपने गांव जा रहा था लेकिन वह गोरखपुर नहीं पहुंचकर किसी प्रकार मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल पहुंच गया। उसने किसी दूसरे यात्री के मोबाइल से फोन कर नागपुर में रह रहे अपने बेटे पन्नेलाल को भोपाल पहुंचने की बात बताई। उसे ले जाने की बात कहते हुए बताया कि वह अब वापस नहीं लौट सकता, उसकी हालत ठीक नहीं है।
जिस पर उसका बेटा उसे लेने के लिए नागपुर से भोपाल की ओर निकल पड़ा। इधर, चंद्रिका किसी प्रकार भोपाल से झांसी की ओर जाने वाली पंजाब मेल में चढ़ गया। वह इस ट्रेन के एसी कोच बी-2 की गैलरी में बैठ गया। जहां उसकी हालत अधिक बिगड़ने से मौत हो गई। यह देख ट्रेन के कोच के टीटीई ने ललितपुर स्टेशन पर सूचना दी। जिस पर जीआरपी मौके पर पहुंच गई और शव को ट्रेन से उतारकर उसके पास मिले सामान की तलाशी ली। उसके पास आधार कार्ड और बैग से एक मोबाइल नंबर मिला। जिस पर जीआरपी ने उक्त मोबाइल नंबर से बात करके उसके बेटे को घटना की जानकारी दी। शुक्रवार को उसका बेटा और अन्य रिश्तेदारों ने ललितपुर पहुंचकर शव की शिनाख्त की। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। मृतक के बेटा पन्नेलाल ने बताया कि बीते दो जून को उसके पिता पंजाब के लिए निकले थे और वह पंजाब में ही मजदूरी करते थे। उसके पिता का मानसिक संतुलन कुछ दिनों से ठीक नहीं था। मृतक का एक बेटा और एक बेटी है।
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गोरखपुर से आए फोन पर प्रशासन ने भेजी गाड़ी
मृतक के परिवार की आर्थिक स्थिति खराब होने के कारण वह शव के लिए एंबुलेंस की व्यवस्था नहीं कर सका। इसी बीच मृतक के बेटे पन्नेलाल ने गोरखपुर विधायक को घटना की जानकारी देते हुए घर तक शव पहुंचाने के लिए सहयोग मांगा। बताते हैं कि पहले तो प्रभारी सीएमओ ने सरकारी एंबुलेंस भेजने में असमर्थता जताई, लेकिन जब एक प्रशासनिक अधिकारी ने कहा तो सीएमओ ने निजी एंबुलेंस की व्यवस्था कर शव गोरखपुर के लिए भेज दिया।