Saturday, July 27, 2024
HomeUncategorizedक्या बात है ? गढ्ढों पर चलने का भी टैक्स देना होगा।

क्या बात है ? गढ्ढों पर चलने का भी टैक्स देना होगा।

जनपद ललितपुर मुख्यालय से मात्र 8 किलोमीटर दूरी पर स्थित टोल प्लाजा जिसे आम भाषा मे बैरियल नाम से जानते है, ललितपुर झॉसी राजमार्ग पर स्थित यह टोल प्लाजा आवागमन करने वाले वाहनों से जो टोल टैक्स के रूप में पैसों की बसूली करते है उक्त बसूले गये पैसों की समस्त जिम्मेदारी सम्बन्धित टोल प्लाजा के ठेकेदार पर होती है, जिसमें सड़क का गढ्ढा मुक्त होना फोरलाईन के दोनों तरफ बैरिकेटिंग होना तथा डिवाईडर पर उक्त फोरलाईन के निर्माण के समय काटे गये कई वर्षों पुराने व्रक्षों जिनका उपयोग सृष्टि के निर्माण से ऑक्सीजन के रूप में सहायता करने का रहा है उन्हीं व्रक्षों को काटकर इस राजमार्ग का निर्माण कराया गया था। न जाने कितने ऑक्सीजन दायक व्रक्षों को अपनी बली इस भारतवर्ष में श्रृंखलावत स्वर्णिम चतुर्भुज कोरिडोर के निर्माण को दे चुके है, बाबजूद इसके जहां कोरोना काल में ऑक्सीजन के लिए लोगों को दर दर भटकना पड़ा और हजारों लोगों को ऑक्सीजन की बजह से अपना जीवन त्यागना पड़ा। मुद्दे की बात यह है कि जिस समय स्वर्णिम चतुर्भुज कोरिडोर के निर्माण की परिकल्पना की नींव तत्कालीन यशस्वी प्रधानमंत्री स्वर्गीय श्री अटल बिहारी बाजपेयी द्वारा रखी गयी थी तब इसमें शायद हरे भरे व्रक्षों को काटकर क्या उनकी जगह ऐसे वृक्ष जिनको डिवाईडर पर लगाकर उक्त टोल प्लाजा ठेकेदार अपनी पूरी तरह से नाकामी छिपाने में पूर्ण रूप से सहभागिता निभाते आ रहे है ? क्योकि उक्त डिवाईडर पर सिर्फ उन्हीं व्रक्षों /पेड़ पौधों को ही मात्र लगाया गया है जिन व्रक्षों /पेड़ पौधों से ऑक्सीजन की जगह 24 घण्टे सिर्फ कार्बन डाई ऑक्साईड गैस का उत्सर्जन होता है तो क्या यह उक्त फोर लाईन के निर्माण के समय का दिशा निर्देश उक्त परियोजना के संदर्भ में था या नहीं यह विषय विवादों से पूर्णरूपेण घिरा हुआ है। वर्तमान समय में यदि आपका आवागमन टोल प्लाजा से होता है तो आपको देखने को मिलता है कि आज के आधुनिक समय में समस्त भारतवर्ष में जहां एक ओर टोल प्लाजा को आधुनिक बना दिया गया है अब कर बसूली में जहां एक ओर वाहन पर फासटैग नहीं होने की बजह से टैक्स दोगुना भरना पड़ता है और जब कोई वाहन चालक अपने वाहन को टोल पर लाता है तब वहां टोल प्लाजा पर मौजूद कर्मचारियों द्वारा जो एक संगठित गिरोह बनाये रहते है, द्वारा लोगों की मजबूरी को न समझते हुये अपनी गुण्डई व ताकत के बल पर लोगों से अवैध टैक्स बसूली करते है और नाजायज तरीके से राहगीरों को प्रताड़ित किया जाता है तथा कई बार वाहनों पर फासटैग कार्ड लगे होने के बाबजूद भी राहगीरों को गुमराह कर बोला जाता है कि आपका कार्ड एक्सेप्टेविल नहीं है और उनसे कैश पैमेन्ट के रूप में दुगनी राशि बसूली जाती है क्योकि जबसे ऑनलाईन फासटैग की व्यवस्था केन्द्र सरकार द्वारा कर कम करने व कर चोरी न हो जिसके लिए यह व्यवस्था लागू की गयी उसके एबज में उक्त टोलकर्मी तथा टोल टैक्स ठेकेदार ऐसी कम्पनियां जिनका फासटैग कई वाहनों पर न होने की बजह से स्वीकार नहीं किया जाता जिसके एबज में वह वहां उक्त टोल पर दलालों जो कि टोल ठेकेदार की मिली भगत से उक्त टोल पर ही अपनी दुकान खोले रहते है क्यांेकि इसके एबज में इन फर्जी दुकानदारों को अपनी अवैध बसूली का माध्यम बनाये हुये है और अपनी मनमानी कर गैरकानूनी आय को अर्जित करते हैं। वहीं एक ओर टोल प्लाजा से सम्बन्धित राजमार्ग ललितपुर झॉसी की ओर देखा जाये तो उसकी हालत बद से बदतर हो गयी जहां कह सकते है कि सड़क पर गढ्ढे की जगह गढ्ढों में सड़क दिखती है जिसके रखरखाव की समस्त जिम्मेदारी टोल प्लाजा संस्था की होती है आज वर्तमान समय में टोल प्लाजा को एक ओर जहां ऑनलाईन कर सुर्खियां बटोरी जा रही है वहीं रखरखाव के नाम पर आम जनता को उस मार्ग पर आवागमन करने में काफी असुविधा का सामना करना पड़ रहा है जगह जगह इतने गढ्ढे होते है साथ ही सड़क पर जानवर भी खुले आम घूमते रहते है जिससे आये दिन दुर्घटनायें होती है। उक्त टोल टैक्स के कार्यदायी प्रशासनिक अधिकारी अपर जिलाधिकारी (ए.डी.एम.) है तथा न जाने कितने प्रशासनिक अधिकारियों का प्रतिदिन इस राजमार्ग पर आवागमन होता है बाबजूद इसके न ही उक्त अधिकारियांे को सड़क पर गढ्ढे तथा अन्य आवश्यक मानकों के अनुसार नियमों का पालन उक्त टोल प्लाजा ठेकेदार के द्वारा हो रहा है या नहीं इसको अन्देखा करना भी भ्रष्टाचार को बढावा देना शायद सम्भावित है। वहीं दूसरी ओर इसके पूर्व जिस ठेकेदार/फर्म को उक्त टोल प्लाजा का ठेका दिया गया था सूत्रों के अनुसार उक्त पूर्व ठेकेदार ने कई करोड़ रूपयों का स्टाम्प ड्यूटी न चुकाने का मामला भी चर्चाओं में है एवं इसकी जॉच जहां पर एक प्रशासनिक अधिकारी को इसकी पूर्णरूप से जानकारी है व प्रशासनिक नियमों को पूर्णरूप से निर्वाहन कराना भी इनका कर्तव्य है लेकिन उक्त पूर्व ठेकेदार पर क्या कार्यवाही हुयी अथवा नहीं हुयी तो इसका जिम्मेदार कौन ? जिसका इशारा अधिकारियों व ठेकेदार की मिलीभगत की ओर इशारा करता है।यह स्थिति मात्र जनपद ललितपुर के टोल प्लाजा की नहीं हैं बलक्की समस्त भारत वर्ष के प्रत्येक टोल प्लाजा की हैं

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular

Recent Comments