Saturday, July 27, 2024
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ओडिशा कैबिनेट का हुआ विस्तार, 13 कैबिनेट और 8 स्वतंत्र प्रभार समेत 21 मंत्रियों को मिली मंत्रिमंडल में जगह।

Odisha Cabinet Reshuffle ओडिशा नवीन पटनायक के मुख्यमंत्री बनने के बाद से यह पहला मौका है जब विधानसभा अध्यक्ष के साथ पूरे मंत्री मंडल ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। आज नए मंत्रियों ने लोक सेवा भवन के नए सम्मेलन केंद्र में शपथ ली।
 

भुवनेश्वर, एएनआइ। ओडिशा कैबिनेट का विस्तार हो गया है। नवीन पटनायक सरकार में 13 कैबिनेट और 8 स्वतंत्र प्रभार समेत 21 मंत्रियों को मंत्रिमंडल में जगह मिली है। भुवनेश्वर में लोक सेवा भवन के नए सम्मेलन केंद्र में मंत्रियों को शपथ दिलाई गई। देश में पहली बार ऐसा हुआ है कि जब सभी कैबिनेट मंत्रियों ने एक ही बार में अपने कार्यालय से इस्तीफा दिया है। 2024 में होने वाले आम चुनाव और विधानसभा चुनाव से पहले कैबिनेट में युवा और वरिष्ठ दोनों नए चेहरों को अवसर देने के लिए यह कदम उठाया गया है।

पार्टी संगठन की मिल सकती है जिम्मेदारी

सूत्रों के अनुसार, ओडिशा कैबिनेट से जिन मंत्रियों ने अच्छा प्रदर्शन करने के बाद भी इस्तीफा दिया है। उन्हें 2024 में होने वाले विधानसभा और लोकसभा चुनाव से पहले पार्टी संगठन में महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां मिलने की संभावना है। नवीन पटनायक सरकार ने 29 मई को ओडिशा के मुख्यमंत्री के रूप में अपने लगातार पांचवें कार्यकाल के तीन साल पूरे किए हैं। इन 25 वर्षों में उन्होंने अपने लिए एक अलग जगह बनाई है।

वहीं, ओडिशा के सीएम नवीन पटनायक ने शनिवार को घोषणा की है कि 23 विभागों और राज्य के स्वामित्व वाले निगमों में सलाहकारों और अध्यक्षों के कार्यालय काम करना बंद कर देंगे।

सभी मंत्रियों ने दिया था इस्तीफा

सबसे पहले विधानसभा अध्यक्ष सूर्यनारायण पात्र ने विधानसभा अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया है। पात्र ने अपना इस्तीफा पत्र विधानसभा उपाध्यक्ष को भेज दिया है। इसके बाद मंत्रियों के इस्तीफा देने का सिलसिला शुरू हुआ और एक के बाद एक मंत्रियों ने अपना इस्तीफा दे दिया है। मंत्रियों के इस्तीफा के बाद मुख्यमंत्री नवीन पटनायक नए मंत्रिमंडल का गठन करेंगे।

पहले भी बड़ा बदलाव कर चुके हैं नवीन पटनायक

गौरतलब है कि 2019 आम चुनाव से पहले 2017 पंचायत चुनाव के बाद नवीन पटनायक ने मंत्रिमंडल में बड़ा बदलाव किया था। इसी रणनीति को पुन: लागू करने को लेकर चर्चा की जा रही है। आज भारत और विदेश में नवीन पटनायक के शासन के रोल माडल के रूप में देखा जाता है। उन्होंने अक्सर कहा है कि वह कम बोलते हैं क्योंकि उनका मानना ​​है कि उनके काम को बोलना चाहिए। जबकि राजनीतिक क्षेत्र में अन्य लोग लंबे भाषण देते हैं, उनके भाषण शायद ही कभी पांच मिनट से ऊपर के होते हैं।

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